राजस्थान के 10 जिलों में ऐतिहासिक जल मंदिरों को पुनः जीवन देने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जल मंदिर या ‘बावड़ी’ सैकड़ों साल पुराने पारंपरिक जल स्रोत हैं जिन्हें सफाई, मरम्मत और जल संरक्षण प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। स्थानीय लोगों, पुरातत्व विभाग और पर्यावरणविदों के सहयोग से इन संरचनाओं को पर्यटन और शिक्षा केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि इन संरचनाओं को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सामुदायिक मॉडल के रूप में उपयोग किया जाए।